कृषि कानून : चार सदस्यीय कमिटी को सौंपी गई कृषि कानूनों पर सुलह की जिम्मेवारी
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गया लाईव डेस्क। मंगलवार को कृषि कानून के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर बातचीत करने और इस मसले को सुलझाने के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। इसमें दो एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट और दो किसान नेता हैं। कमेटी में अशोक गुलाटी, डॉ. प्रमोद के जोशी, भूपिंदर सिंह मान और अनिल घनवट को शामिल किया गया है। उक्त चारों व्यक्तियों के पास इस सेक्टर का अच्छा-खासा अनुभव है। यह कमेटी किसानों का पक्ष सुनेगी और अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगी। जानकारी हो कि एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट अशोक गुलाटी भारतीय अनुसंधान परिषद में इन्फोसिस के चेयर प्रोफेसर हैं। गुलाटी नीति आयोग के तहत प्रधानमंत्री की ओर से बनाई एग्रीकल्चर टास्क फोर्स के मेंबर और कृषि बाजार सुधार पर बने एक्सपर्ट पैनल के अध्यक्ष हैं। अशोक गुलाटी के पास एग्रीकल्चर सेक्टर पर खासा अनुभव है। वे कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज के अध्यक्ष रह चुके हैं। कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज फूड सप्लाई और फसलों की कीमत तय करने के लिए केंद्र सरकार को सलाह देता है। गुलाटी ने कई फसलों का मिनिमम सपोर्ट प्राइज बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं डॉ. प्रमोद जोशी साउथ एशिया इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर हैं। वे नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च मैनेजमेंट हैदराबाद के डायरेक्टर थे। डॉ. जोशी नेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी रिसर्च नई दिल्ली के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। इससे पहले वे इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में साउथ एशिया कोऑर्डिनेटर थे। एग्रीकल्चर सेक्टर में काम करने के लिए उन्हें कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। वह नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज और इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स के फेलो हैं। डॉ. प्रमोद जोशी नेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी रिसर्च नई दिल्ली के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। जबकि किसान नेता भूपिंदर सिंह मान भूपिंदर सिंह मान बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान कोऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन हैं। 15 सितंबर 1939 को गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) में पैदा हुए सरदार भूपिंदर सिंह मान किसानों के लिए हमेशा काम करते रहे हैं। इस वजह से राष्ट्रपति ने 1990 में उन्हें राज्यसभा में नामांकित किया था। वे 1966 में फार्मर फ्रेंड एसोसिएशन के फाउंडर मैंबर में से एक थे। यह बाद में स्टेट लेवल पर पंजाब खेती बाड़ी यूनियन बना। आगे चलकर यही संगठन नेशनल लेवल पर भारतीय किसान यूनियन बना। भूपिंदर सिंह मान अभी बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे किसान कोऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन भी हैं। वहीं किसान नेता अनिल घनवट महाराष्ट्र में किसानों के बड़े संगठन शेतकारी संगठन के अध्यक्ष हैं। यह संगठन बड़े किसान नेता रहे शरद जोशी ने 1979 में बनाया था। अनिल घनवट शुरू से ही कहते रहे हैं कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कानूनों में कुछ सुधार की गुंजाइश है, लेकिन इनका सिरे से विरोध करना खेती के हित में नहीं है। उनका कहना है कि इन कानूनों के आने से गांवों में कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस बनाने में निवेश बढ़ेगा। घनवट ने ये भी कहा था कि अगर दो राज्यों के दबाव में आकर ये कानून वापस ले लिए जाते हैं तो इससे किसानों के लिए खुले बाजार का रास्ता बंद हो जाएगा।