अक्षय नवमी पर सौभाग्य प्राप्ति के लिए आंवला पेड़ के नीचे महिलाओं ने की पूजा
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आंवला वृक्ष की छांव में पूजा करती श्रद्धालु
इमामगंज(शिवनंदन प्रसाद)। प्रखंड क्षेत्र में अक्षय नवमी का पर्व सोमवार को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इसमें महिलाओं ने आंवला के वृक्ष के नीचे लक्ष्मी नारायण का पूजा पाठ किया गया तथा वृक्ष की परिक्रमा की गई। श्रद्धालुओं ने ब्राहमणों को भोजन करा कर दान पुण्य किया। मान्यता के मुताबिक अक्षय नवमी को किया गया पुण्य कभी नष्ट नहीं होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु को कार्तिक मास सबसे प्रिय है। आंवला के वृक्ष में भगवान नारायण का वास होता है। इस महीने में ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान कर आंवला के वृक्ष की पूजा करने पर भारी पुण्य मिलता है। इस माह में अक्षय नवमी पर्व पर लोग बढ़ चढ़ कर दान पुण्य करते हैं। इसी क्रम में प्रखंड क्षेत्र के सभी गांवों में दान पुण्य का सिलसिला बना रहा। महिलाओं ने आंवला के वृक्ष का परिक्रमा कर सुख समृद्धि की कामना की। अधिकतर लोगों ने आंवला के पेड़ के नीचे ही भोजन बना कर ब्राह्मणों तथा सगे संबंधियों को खिलाया। प्रखंड क्षेत्र के पसेवा और पथरा गांव में आंवला के वृक्ष के नीचे श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही। लोग परिवार समेत जुटे तथा भोजन आदि की व्यवस्था की। इस दौरान पंडित बिनोद पाठक, हैप्पी और श्याम किशोर पाठक ने बताया कि साल भर में एक बार पड़ने वाले इस पर्व पर दान पुण्य अक्षय बना रहता है। तुलसी, धात्री तथा मालती, ये तीनों वनस्पतियां भगवान नारायण को प्रिय हैं। इसका पूजन करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।