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क्या बिना सर्जरी के घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस का इलाज किया जा सकता है? जानिए एक्सपर्ट की राय

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हाइलाइट्स

कार्टिलेज हड्डियों को जोड़ने वाला एक लचीजा उत्तक है जो हड्डियों को एक-दूसरे से रगड़ने से बचाते हैं
ऑस्टियोआर्थराइटिस के शुरुआती लक्षणों को बिना सर्जरी भी ठीक किया जा सकता है

Osteoarthritis: ऑस्टियोआर्थराइटिस या घुटने के जोड़ों का पुराना दर्द नॉन-इंफ्लामेटरी बीमारी है जिसमें जोड़ों को सपोर्ट करने वाले आर्टिकुलेट कार्टिलेज को बुरी तरह से नुकसान पहुंचता है. कार्टिलेज हड्डियों को जोड़ने वाला एक लचीजा उत्तक है जो हड्डियों को एक-दूसरे से रगड़ने से बचाते हैं और इंज्युरी से रक्षा करते हैं. यह एक तरह से कुशन का काम करते हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इंडियन स्पाइल इंज्युरी सेंटर, नई दिल्ली के कंस्लटेंट पेन फिजिशियन डॉ विवेक लूंबा बताते हैं कि जब कार्टिलेज की क्षति होने लगती है तब हड्डियां एक-दूसरे से रगड़ खाने लगती है. इस स्थिति में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है. इसे ऑस्टियोआर्थराइटिस बीमारी कहते हैं. बुजुर्गो में होने वाली यह बहुत ही आम बीमारी है. ऑस्टियोआर्थराइटिस का ज्यादा असर घुटने और पीठ पर पड़ता है.

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दर्द से राहत के लिए सर्जरी कितनी जरूरी
ऑस्टियोआर्थराइटिस ऐसी स्थिति है जिसमें लोग मानकर चलते हैं कि इसके लिए सर्जरी ही एकमात्रा विकल्प है लेकिन डॉ विवेक लूंबा कहते हैं कि ऑस्टियोआर्थराइटिस के शुरुआती लक्षणों को बिना सर्जरी भी ठीक किया जा सकता है. इसके लिए शुरुआत से ही कुछ एक्सरसाइज जरूरी है. ऑस्टियोआर्थराइटिस में पैदल चलना, साइकिल चलाना और कुछ घुटनों की एक्सरसाइज जैसे आइसोमेट्रिक और आइसोटोनिक करने से दर्द से राहत मिल सकती है. ज्वाइंट पेन से राहत पाने के लिए वजन को कम करना बहुत जरूरी है. ज्यादा वजन रहने से घुटनों पर ज्यादा दबाव पड़ता है जिसके कारण मुश्किलें बढ़ जाती है. अगर आप एक्सरसाइज करके वजन कम करने में कामयाब हो जाते हैं तो घुटनों के दर्द से राहत पा सकते हैं.

क्या दवा है
एक्सपर्ट के मुताबिक ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द में एसिटामिनोफेन (acetaminophen), एनएसएआईडीएस (NSAIDS) जैसे आइब्युप्रोफेन (ibuprofen) या एटोशाइन (etoshine)जैसी दवाइयां फायदेमंद है लेकिन इसे डॉक्टरों की सलाह से ही लेनी सही रहेगी. इसके अलावा एनएसएआईडीएस (NSAIDS) जैसे वोलिनी जेल (Volini gel) से भी कुछ हद तक दर्द से राहत पा सकते हैं. अगर दर्द ज्यादा है तो ट्रामाडोल (अल्ट्रासेट) जैसी दवाईयों का सेवन कर सकते हैं.

ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण
खून में जब यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती है तो ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि यही एकमात्र कारण नहीं है. ऑस्टियोआर्थराइटिस का पहला लक्षण जोड़ों में दर्द ही है. इसके अलावा, जोड़ों के पास सूजन, घुटने में अकड़न, थोड़ा सा काम करने पर घुटने की परेशानी इसके लक्षण हैं. हड्डियों से जब आवाज निकलने लगे तो डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए. ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा है.जिन महिलाओं का वजह ज्यादा होता है उन्हें ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा अधिक रहता है.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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