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World Heart Day 2022: दिल के मरीजों को व्‍यायाम करना चाहिए या नहीं, जान लें

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हाइलाइट्स

पिछले दिनों फिटनेस फ्रीक युवाओं की हार्ट अटैक से हुई मौत के बाद हार्ट पेशेंट के लिए व्‍यायाम को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.
हालांकि डॉक्‍टर कहते हैं क‍ि कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं से पीड़ित मरीजों को पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए व्‍यायाम जरूरी है.
हार्ट के मरीजों को पुश-अप्स और सिट-अप्स जैसे बहुत से आइसोमेट्रिक व्यायामों से बचना चाहिए.

नई दिल्‍ली. 29 सितंबर को विश्‍व ह्रदय दिवस (World Heart Day 2022) है. लोगों को दिल की बीमारियों को लेकर जागरुक करने का दिन. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरुकता भविष्‍य में रोगियों की संख्‍या घटाने में सहायक है. ऐसे में शारीरिक रूप से सक्रिय रहना दिल के बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह दिल की मांसपेशियों को मजबूत तो करता ही है, साथ में वजन नियंत्रित रखना, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्त शर्करा और उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) से धमनी को होने वाली परेशानियों को भी दूर भी करता है लेकिन हाल ही में कई फिटनेस फ्रीक युवाओं की दिल की बीमारी (Heart Disease) से हुई मौत के बाद व्‍यायाम और कसरत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. वहीं एक बड़ा सवाल ये भी है कि पहले से ही हार्ट संबंधी समस्‍याओं से जूझ रहे मरीजों को व्‍यायाम करना चाहिए या नहीं.

दिल्‍ली स्थित इंद्रप्रस्‍थ अपोलो अस्‍पताल में कार्डिएक इलेक्‍ट्रोफिजियोलोजिस्‍ट एंड इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्‍ट डॉ वनिता अरोड़ा कहती हैं कि कहती हैं कि जब दिल खून को उतना पंप नहीं करता जितना उसे करना चाहिए, तब स्थिति गंभीर होती है. इससे रक्त का बैक अप हो सकता है और फेफड़ों (Lungs) में तरल पदार्थ जमा हो जाता है. इसके चलते, व्यक्ति के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं (Cardiovascular Problems) से पीड़ित मरीजों को पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए कई प्रकार के व्‍यायाम की जरूरत होती है. अगर व्यायाम की बात करें तो इन परेशानियों के लिए सबसे अधिक लाभ दैनिक व्यायाम के जरिए मिलता है.

अभी तक सामने आए चिकित्सकीय शोध में कहा गया है कि जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ने या अन्य जानलेवा ह्रदय संबंधी परेशानियों की संभावना कम होती है. इसलिए व्यायाम पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. फिटनेस एक्सपटर्स की मानें तो ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए एरोबिक व्यायाम और प्रतिरोध प्रशिक्षण सबसे महत्वपूर्ण हैं हालांकि लचीलापन सीधे दिल के स्वास्थ्य में योगदान नहीं देता.

एरोबिक और ताकत अभ्यासों को अधिक प्रभावी ढंग से करने के लिए एक अच्छी नींव बनाना महत्वपूर्ण है. यह ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार करता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्तचाप और ह्रदय गति कम हो जाती है. इसके अतिरिक्त, यह कार्डियक आउटपुट (आपका हृदय कितनी अच्छी तरह पंप करता है) में सुधार करता है. यह टाइप 2 मधुमेह (Diabetes Type 2) के जोखिम को कम करने में भी योगदान देता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है.

  • दिल के रोगियों के लिए नियमित व्यायाम के ये हैं फायदे
    . व्‍यायाम ह्रदय रोग के जोखिम वाले कारकों को कम करता है और भविष्य में दिल संबंधी समस्याएं होने की आशंका भी कम होती है.
    . यह दिल और ह्रदय प्रणाली को मजबूत करता है।
    . यह ब्‍लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) में सुधार के साथ शरीर को ऑक्सीजन का बेहतर उपयोग करने में मदद करता है.
    . ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है ताकि आप बिना थके या सांस की कमी के और अधिक गतिविधियां कर सकें.
    . यह मांसपेशियों की टोन और ताकत में सुधार करता है.
    . संतुलन और जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करता है।
    . हालांकि, व्यायाम (Exercise) के अलावा, कोई भी आसन शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना बेहद जरूरी है. डॉक्टर आपकी फिटनेस के स्तर और शारीरिक स्थिति का पता लगाने के बाद बेहतर सुझाव दे सकते हैं.

इन व्‍यायामों से बचें
• पुश-अप्स और सिट-अप्स जैसे बहुत से आइसोमेट्रिक व्यायामों से बचना चाहिए. आइसोमेट्रिक व्यायाम में अन्य प्रकार से भी मांसपेशियों को तनाव देना शामिल है.
• मौसम बहुत ठंडा, गर्म या आर्द्र होने पर बाहर व्यायाम करने से बचना जरूरी है. ज्‍यादा तापमान खून के सर्कुलेशन में दिक्‍कत पैदा कर सकता है. सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और सीने में दर्द का कारण बन सकता है.
• हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है. प्यास लगने से पहले ही पानी पीना जरूरी है. खासकर गर्म दिनों में पानी को लेकर विशेष ध्‍यान रखें.

  • अगर दिखाई दें ये लक्षण तो बंद कर दें व्‍यायाम
    . अगर हार्ट का मरीज अत्यधिक थका हुआ है या उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो व्यायाम तत्‍काल बंद कर देना चाहिए.
    . अगर हल्‍की सी भी परेशानी होती है तो डॉक्टर के साथ लक्षणों पर चर्चा करना जरूरी है.
    . अगर किसी मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही है तो भी व्‍यायाम नहीं करना चाहिए. इस दौरान डॉक्टर दवाओं, खानपान या लिक्विड लेने संबंधी नियमों में बदलाव कर सकते हैं.
    . व्‍यायाम करने के दौरान जैसे ही दिल की धड़कन तेज या अनियमित होने लगे तो कोई भी कसरत संबंधी गतिविधि बंद कर देनी चाहिए.

ये व्‍यायाम हो सकते हैं फायदेमंद  
डॉ. वनिता कहती हैं क‍ि अगर वैश्विक स्तर की बात करें तो मध्यम भारोत्तोलन के साथ एरोबिक व्यायाम जैसे-जॉगिंग, तैराकी, बाइकिंग के संयोजन की सलाह दी जाती है. साथ में, व्यायाम की ये दो श्रेणियां ह्रदय रोग को रोकने और प्रबंधित करने के लिए सबसे बड़ा लाभ देती हैं. सामान्य दिशानिर्देश कम से कम 30 मिनट के एरोबिक व्यायाम के लिए कहते हैं जैसे चलना, साइकिल चलाना, या सप्ताह में कम से कम पांच दिन तैरना और मांसपेशियों को टोन करने के लिए मध्यम भारोत्तोलन और सप्ताह में दो बार मांसपेशियों के विकास पर ध्यान देना इत्यादि. हालांकि जो भी व्‍यायाम करें, विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें.

Tags: Heart attack, Heart Disease, International Heart Day, World Heart Day

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