बिहार

एक बॉडीगार्ड के सहारे एसडीपीओं ने शीर्ष नक्सली को किया था गिरफ्तार

गया। एक अधिकारी के लिए हमेशा यह चाहत होती है कि वह कुछ ऐसा काम करे कि लोग उसे याद करें। लेकिन, ऐसे गिने चुने अधिकारी ही होते हैं जिन्हे वाकई में लोगों का प्यार हासिल होता है। गया जिले में पोस्टेड एसडीपीओ मनोज राम ऐसे ही अधिकारी हैं, जिनके ट्रासंफर पर लोगों को भावुक कर दिया। ईमामगंज में पोस्टेड रहे मनोज राम को अनुमंडल से विदाई देने के लिए बैंड-बाजा ढोल का इंतजाम किया गया। उनके लिए पुलिसकर्मियों और लोगों ने रास्ते में फूल बिछाकर विदा किया। वहीं एसडीपीओ के ट्रांसफर पर ग्रामीण भी निराश नजर आए। विदाई समारोह में कई जनप्रतिनिधि व्यवसायी, बुद्धिजीवी और ग्रामीण शामिल हुए।“`

*क्षेत्र के सबसे बड़े नक्सली को किया गिरफ्तार*

दरअसल, ईमामगंज का एक बड़ा इलाका नक्सल प्रभावित है। सालों तक ग्रामीण नक्सली गतिविधियों का दंश झेलते रहे हैं। ऐसे में यहां पोस्टेड एसडीपीओ मनोज राम ने एक बॉडीगार्ड के बूते बिहार-झारखंड के कुख्यात नक्सली अरविंद भुईयां को पकड़ लिया था। इस दौरान एसडीपीओ मनोज राम और अरविंद भुईया के बीच हाथा-पाई भी हुई थी, लेकिन एसडीपीओ ने उसे पकड़कर ही दम लिया था। ग्रामीणों के बीच अरविंद भुईंया की गिरफ्तारी एक बड़ी बात थी। वह भी सिर्फ एक बॉडीगार्ड के सहारे। जिसके बाद मनोज राम के प्रति ग्रामीणों में बड़ा सम्मान बन गया।
अपने विदाई समारोह में ग्रामीणों के प्यार से भावुक नजर आए एसडीपीओ मनोज राम ने कहा कि “किसी अधिकारी के जीवन में ड्यूटी सबसे बड़ी चीज है और जहां उसे जिम्मेदारी दी जाती है, वहीं जाना पड़ता है। मैंने अपनी क्षमता के अनुसार इस क्षेत्र के लिए काम किया। इस नक्सली क्षेत्र में काम करना काफी चुनौती थी, लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र के लोगों को नक्सलियों के साए से सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास किया। यही वजह है कि इलाके में नक्सली गतिविधियां भी कम हो गई है।“`

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