बिहार

तैलिक समाज ने जाति आधारित गणना को बताया फर्जी, खुद करेंगे गणना

गया लाईश डेस्क। जिला तैलिक साहू सभा के संरक्षक दुर्गा प्रसाद एवं जिलाध्यक्ष संजू लाल ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल के दिनों जाति आधारित गणना का रिपोर्ट सार्वजनिक किया गया है। इस रिपोर्ट में तैलिक समाज का 2.81 प्रतिशत बताया गया है, जो पूरी तरह फर्जी है। उन्होंने बताया कि 1931 में जब बिहार, बंगाल, उडीसा, झारखंड राज्य एकीकृत हुआ था, उस वक्त तैलिक साहू सभा की आबादी 6.81 प्रतिशत था। जबकि 92 साल के बाद 2.81 प्रतिशत आंकड़ा बताया गया है। यह आंकड़ा बिल्कुल गलत है, इसका विरोध और निंदा करते हैं। साथ हीं मांग करते हैं, इस समाज का फिर से गणना कराया जाए। यह समाज गया जिले के हर गांव, पंचायत, अनुमंडल और जिला मुख्यालय में निवासी करते हैं। यह जांच का विषय है। उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि बाराचट्टी प्रखंड के बुमुआर में जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी देवी, गया शहर में कोयरीबारी में अर्जुन प्रसाद, वार्ड-14 लोहार पट्टी सहित सैकड़ों गांव व मोहल्ला में जाति आधारित गणना के कर्मी नहीं गए थे। केवल कागजी कार्रवाई फर्जी समाज का फर्जी आंकड़ा दिखाया गया है, इसकी निंदा करते हें। जिलाध्यक्ष ने कहा कि गया जिला तैलिक साहू सभा पूरे बिहार के लिए नजीर बनने का कार्य करने जा रही है। जिला इकाई के पदाधिकारियों के सहयोग से अपने स्तर से गांव से लेकर जिला तक साहू समाज के लोगों का गणना कराएंगे। उसकी एक पुस्तिका तैयार कर राज्य सरकार को सौंपेंगे। संगठन की ओर से दशहरा पर्व के बाद जिला तैलिक साहू सभा अपनी जाति का गणना कराएंगे। इसमें राज्य सरकार के आंकड़ा पर्दाफाश करेंगे।

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