PFI से संबद्ध कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने बैन को बताया ‘अलोकतांत्रिक और संविधान विरोधी’, कहा- फैसले को SC में देंगे चुनौती
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नई दिल्ली. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) समेत आठ सहयोगी संगठनों को टेरर फंडिंग और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के मिले पुख्ता सबूतों के बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था.
वहीं अब पीएफआई के एक सहयोगी संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (Campus Front of India) ने स्वयं पर लगाए प्रतिबंध को ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘संविधान विरोधी’ करार दिया है. संगठन के छात्र विंग ने बुधवार को कहा कि वे इस प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और सरकार के फैसले को चुनौती देंगे.
कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया की ओर से अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल पर इस संबंध में एक स्टेटमेंट भी शेयर किया गया है. यह स्टेंटमेंट प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ घंटों बाद पेरेंट और सभी सहयोगी संगठनों के बयान के बाद आया है. सीएफआई (CFI) ने कहा कि वह सेक्युलर और डेमोक्रेटिक भावना के साथ देशभर में छात्रों के बीच एक दशक से ज्यादा समय से काम कर रहे हैं.
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सीएफआई की ओर से अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल पर जारी किए गए बयान में संगठन पर लगे सभी आरोपों को ‘निराधार और मनगढ़ंत’ बताया गया है. उसने उन सभी आरोपों को भी खारिज किया है जिसके चलते उस पर प्रतिबंध लगाया गया है.
Ban on Campus Front is Undemocratic and Anti-Constitutional; will be challenged in court. Stopped Activities in Accordance with Law 6/1 pic.twitter.com/ZB2lyZX1sX
— Campus Front of India (@CampusFrontInd) September 28, 2022
सीएफआई ने कहा कि उसके संगठन ने ‘संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों’ को बनाए रखा और कानून के खिलाफ कोई काम नहीं किया. इसके साथ ही सीएफआई ने छात्रों से किसी भी कार्यक्रम या गतिविधि का संचालन न करने का आह्वान भी किया है. सीएफआई ने संगठन से जुड़े छात्रों को संगठन के झंडे और बैनर का इस्तेमाल न करने की भी सख्त हिदायत दी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पॉपुलर फ्रंट की वेबसाइटों और सोशल मीडिया अकाउंट्स के साथ-साथ उसके सहयोगियों के सोशल मीडिया अकाउंट भी ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है. सीएफआई के अलावा, अब प्रतिबंधित संगठनों में रिहैब इंडिया फाउंडेशन, अखिल भारतीय इमाम परिषद और राष्ट्रीय महिला मोर्चा भी शामिल हैं. ट्विटर इंडिया ने आज पीएफआई का ऑफिशियल अकाउंट भी बंद कर दिया है.
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Tags: Government of India, Home ministry, PFI, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 11:27 IST
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