लाइफ स्टाइल

कानों में सनसनाहट को नहीं करें नजरअंदाज, जानें कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास

[ad_1]

हाइलाइट्स

स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनियल और हेमोफिलस इंफ्लूएंजा बैक्टीरिया कान में इंफेक्शन फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं
अगर कान में घड़घड़ाहट के साथ 102 डिग्री तक बुखार आ जाए तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए

Ear infection: कभी-कभी कानों में घड़घड़ाहट, सनसनाहट या चुभन की तरह महसूस होने लगता है. कुछ देर के बाद यह अपने आप ठीक भी हो जाता है. लेकिन कुछ लोगों को अक्सर उनके कानों में सनसनाहट महसूस होती रहती है. आप जानते हैं कि कानों में होने वाली ये सनसनाहट कुछ और नहीं है बल्कि कानों का इंफेक्शन हो सकता है. इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे खतरनाक टिटनेस की बीमारी का भी जोखिम बढ़ सकता है. कानों में इंफेक्शन के कारण बुखार भी आ सकता है. सीडीसी डॉट गॉव वेबसाइट के मुताबिक कानों में दो तरह के इंफेक्शन होते हैं. ओटिस मीडिया विद इफ्यूजन इंफेक्शन. यह मिडिल ईयर में होता है जबकि दूसरे तरह का इंफेक्शन कान की नलिका में होता है जिसे स्वीमर ईयर इंफेक्शन कहते हैं.

कान के इंफेक्शन के कारण
बैक्टीरिया और वायरस कान के इंफेक्शन के दो सबसे बड़े कारण होते हैं. स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनियल और हेमोफिलस इंफ्लूएंजा बैक्टीरिया कान में इंफेक्शन फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. वहीं सर्दी जुकाम फैलाने वाले वायरस भी कान में घुस जाते हैं.

कान के इंफेक्शन के लक्षण
कान में कुछ-कुछ बजने की तरह महसूस होने लगता है. ऐसा लगता है कि कान में कुछ घड़घड़ा रहा है. इसके अलावा कान में दर्द और बुखार भी आ जाता है. कान में चिड़चिड़ापन और बुदबुदाने का अहसास होता है. इसके साथ ही कान में रगड़न महसूस होती है. इन सब वजहों से रात में नींद नहीं आती है.

इसे भी पढ़ें-दांतों में पीलापन से परेशान हैं तो ये 5 आसान घरेलू नुस्खे अपनाएं, चमक उठेंगे

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए
अगर कान में घड़घड़ाहट के साथ 102 डिग्री तक बुखार आ जाए तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए. खासकर अगर बच्चे के साथ ऐसा होता है तो उसे अवश्य डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए. जब कान से तरल पदार्थ या चिपचिपा पदार्थ निकलने लगे तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए. इसी तरह अगर कानों के लक्षण दो-तीन से ज्यादा रहे तो भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए.

इलाज क्या है
डॉक्टर कान में मशीन लगाकर जांच-परख करते हैं. अगर मीडिल ईयर में इंफेक्शन होता है तो शरीर का इम्युन सिस्टम इसे ठीक कर देता है लेकिन दो-तीन दिनों के बाद भी अगर ठीक न हो तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवा लेने की सलाह देते हैं.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

[ad_2]

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button