World Rabies Day 2022: हर साल 28 सितंबर को क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड रेबीज डे? जानें कब हुई थी शुरुआत

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हाइलाइट्स
साल 2007 में वर्ल्ड रेबीज डे मनाने की शुरुआत की गई थी.
इस दिन का उद्देश्य लोगों को रेबीज के प्रति जागरूक करना है.
World Rabies Day History and Significance: रेबीज के बारे में लोगों को अवेयर करने और इस जानलेवा बीमारी से लोगों को बचाने के उद्देश्य से हर साल विश्वभर में 28 सितंबर को रेबीज डे मनाया जाता है. इस दिन फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट लुई पाश्चर की डेथ एनिवर्सिरी होती है, जिन्होंने सन 1885 में पहली बार रेबीज की वैक्सीन को विकसित किया था. आज ये वैक्सीन जानवरों और मनुष्यों के बीच महत्वपूर्ण रोल अदा कर रही है. इसके इस्तेमाल से मनुष्यों में रेबीज से होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है. इस साल 16वां विश्व रेबीज डे मनाया जाएगा. रेबीज डे को हर साल नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है और इस साल की थीम ‘रेबीज: वन हेल्थ, जीरो डेथ्स’ है. ये थीम मनुष्यों और जानवरों के बीच के संबंध को हाइलाइट करेगी.
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कुत्तों के काटने से सबसे ज्यादा फैलती है रेबीज की बीमारी
डब्ल्यूएचओ(WHO) के अनुसार रेबीज लासा वायरस से इंफेक्टेड जानवरों के काटने की वजह से इंसानों में फैलती है. ये एक जूनोटिक बीमारी है जो इंफेक्टेड बिल्ली, कुत्ते और बंदर के काटने से मनुष्यों को हो सकती है. ये ब्रेन में सूजन का कारण भी बन सकती है. माना जाता है कि 99 प्रतिशत मामलों में कुत्तों की वजह से इंसान में रेबीज फैलता है जिस वजह से रेबीज डेथ की संख्या बढ़ी है.
क्या है रेबीज डे का इतिहास?
विश्व रेबीज डे पहली बार 28 सितंबर को 2007 में मनाया गया था. इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ, अमेरिका और एलायंस फोर रेबीज कंट्रोल व सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने मुख्य रूप से भाग लिया था. इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य विश्वभर में लोगों को रेबीज से होने वाले खतरे और वैक्सीन से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देना था.
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धीरे-धीरे इन संस्थाओं ने विश्वभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए और लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम किया. तभी से हर साल 28 सितंबर को रेबीज डे मनाया जाने लगा. विश्व रेबीज डे के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य संस्थाएं इस बीमारी के प्रभाव और बचाव के विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूकता फैला रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2022, 14:58 IST
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