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राजस्थान संकट: सचिन पायलट बोले- अशोक गहलोत को लेकर कांग्रेस आलाकमान से नहीं की कोई बात, सारी खबरें झूठी

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हाइलाइट्स

सचिन पायलट ने राजस्थान संकट को लेकर कांग्रेस आलाकमान से बात करने की खबर का खंडन किया.
पायलट ने साफ किया कि उन्होंने न तो कांग्रेस हाईकमान और न ही राजस्थान के मुख्यमंत्री से कोई बात की है.
सचिन पायलट के इस ट्वीट के बाद समाचार एजेंसी ने अपनी खबर वापस लेते हुए उसमें जरूरी कर दिए.

नई दिल्ली/जयपुर. कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत को लेकर पार्टी आलाकमान से हुई किसी तरह की बात से साफ इनकार किया है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई की उस रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें बताया गया था कि पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से कहा है कि अशोक गहलोत अगर पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि ‘पायलट ने साफ कहा है कि कांग्रेस विधायकों को साथ लाने की जिम्मेदारी भी उनकी (गहलोत की) ही होनी चाहिए.’

सचिन पायलट ने एएनआई के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए इसे गलत करार दिया. पायलट ने ट्वीट किया, ‘यह झूठी खबर फैलाई जा रही है.’ उनके इस ट्वीट के कुछ ही मिनट बाद एएनआई ने भी एक नया ट्वीट करते हुए बताया कि ‘पायलट ने इन दावों को खारिज करते हुए बताया है कि उन्होंने न तो कांग्रेस हाईकमान और न ही राजस्थान के मुख्यमंत्री से कोई बात की है.’

ये भी पढ़ें- राजस्थान संकट: 3 विधायकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, 30 अक्टूबर के बाद होगा CM पर फैसला

दरअसल राजस्‍थान में जारी राजनीतिक सरगर्मियों के बीच सचिन पायलट मंगलवार दोपहर दिल्‍ली पहुंचे हैं. उनकी इस यात्रा को लेकर अटकलों का दौर जारी है. हालांकि पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह निजी काम से दिल्‍ली गए हैं और इसका मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम से कोई लेना देना नहीं है.

सोनिया गांधी को लिखित रिपोर्ट सौंपेंगे खड़गे और माकन
उधर कांग्रेस की राजस्थान इकाई में खुली बगावत से नाराज पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज लिखित रिपोर्ट सौंपेंगे. खबर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ ‘अनुशासनहीनता’ के आरोप में कार्रवाई की जा सकता है.

दरअसल खड़गे और माकन को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर में पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था. उन्होंने दिल्ली लौटने के बाद शाम को गांधी को संबंधित घटनाक्रमों की जानकारी दी और गहलोत के वफादार विधायकों द्वारा आयोजित समानांतर बैठक को ‘अनुशासनहीनता’ करार दिया.

पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी के निर्देशानुसार, दोनों पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या गहलोत समर्थक कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है तो कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘अगर पार्टी ने रविवार के घटनाक्रम को अनुशासनहीनता माना है तो फिर ऐसे में कार्रवाई होना संभव है.’

बागी विधायकों की गहलोत खेमे से ही अगला सीएम चुनने की मांग
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए. उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए. उन्होंने मुख्यमंत्री के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने की स्थिति में केंद्रीय नेतृत्व पर गहलोत खेमे से किसी को मुख्यमंत्री के रूप में चुनने के लिए दबाव बनाते हुए सीपी जोशी को अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया था. इन विधायकों ने संकेत दिया कि वे मुख्यमंत्री के तौर पर सचिन पायलट की नियुक्ति के खिलाफ थे, जिन्होंने 2020 में गहलोत के खिलाफ बगावत का नेतृत्व किया था.

कांग्रेस के कई विधायकों व मंत्रियों ने पार्टी आलाकमान में निष्ठा जताई है. हालांकि उन्होंने कहा है कि राज्य में किसी भी बदलाव से पहले उनकी बात सुनी जाए. विधानसभा में मुख्य सचेतक, मंत्री महेश जोशी ने कहा कि गहलोत समर्थक विधायकों की मांग है कि दो साल पहले के संकट के समय सरकार के साथ खड़े रहे विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाए.

शांतिलाल धारीवाल का मकान पर आरोप
उधर गहलोत के वफादार शांतिलाल धारीवाल ने सोमवार को राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी माकन पर गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की साजिश में शामिल होने तथा पायलट के लिए पैरवी करने का आरोप लगाया. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘महासचिव व प्रदेश प्रभारी (माकन) पर मेरा आरोप है कि वह पक्षपातपूर्ण तरीके से यहां के विधायकों से बात कर रहे थे. कई दिनों से लगातार ये सूचनाएं आ रही थीं कि वह सचिन पायलट के पक्ष में प्रचार करने के लिए कहा करते थे. वह विधायकों को उनसे जुड़ने के लिए कहा करते थे, हमारे पास इसके सबूत हैं.’

राजस्थान के इस पूरे घटनाक्रम से गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना कम हो गई है. अब कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, खड़गे, कुमारी सैलजा और कुछ अन्य नामों को लेकर अटकले जारी हैं. वैसे कमलनाथ ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं है.

Tags: Ashok gehlot, Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot, Rajasthan Congress, Sachin pilot

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