बिहार

विकास पुरुष : मुरली श्रीवास्तव लिखित नीतीश कुमार के संघर्ष और सुशासन पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण

पटना। बिहार विधान परिषद सभागार साहित्य, राजनीति और पत्रकारिता जगत की उल्लेखनीय उपस्थिति का साक्षी बना। अवसर था वरिष्ठ लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव की पुस्तक “विकास पुरुष” के लोकार्पण का, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यक्तित्व, संघर्ष और विकासोन्मुख कार्यों पर आधारित है।
पुस्तक का विमोचन बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधान परिषद के उपसभापति प्रो. राम वचन राय ने की।
नीतीश कुमार : संघर्ष से सुशासन तक
लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने बताया कि इस कृति के माध्यम से उन्होंने नीतीश कुमार के राजनीतिक सफर, उनके संघर्षों और विकास के प्रति दृष्टिकोण को शब्दों में पिरोने का प्रयास किया है। पुस्तक केवल एक राजनीतिक जीवनी नहीं बल्कि बिहार के विकास की कहानी है, जिसे नीतीश कुमार ने अपनी प्राथमिकताओं और कार्यशैली से गढ़ा।
लोकार्पण समारोह में कई नेताओं, विद्वानों और पत्रकारों ने अपने विचार साझा किए।
नंदकिशोर यादव ने कहा, “मैंने नीतीश जी को विकास कार्यों के शुरुआती दौर से करीब से देखा है। उन्होंने हमेशा जनता की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर काम किया है।”
अवधेश नारायण सिंह ने बिहार के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि “नीतीश जी ने गांव-गांव तक कनेक्टिविटी पहुँचा कर राज्य को नई दिशा दी है।”
प्रो. नवल किशोर यादव ने नीतीश को “इतिहास पुरुष” बताया, वहीं प्रो. रणबीर नन्दन ने कहा कि “नीतीश कुमार का कार्य स्वयं बोलता है और अब पूरी दुनिया उनके योगदान की सराहना कर रही है।”
पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा, “नीतीश जी ने बिहार के विकास के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया।”
वरिष्ठ पत्रकार सुजीत झा ने इस बात पर बल दिया कि उनकी कार्यशैली ही उनकी सबसे बड़ी पहचान है। पुस्तक का प्रकाशन किरण पब्लिकेशन समूह और पैनग्राम पब्लिशर्स ने किया है।
समूह के प्रबंध निदेशक संकेत कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिहार की पहचान को पुनः स्थापित किया है, जबकि सीएमडी सत्यनारायण प्रसाद ने इसे प्रकाशन जगत के लिए “गौरव का क्षण” बताया।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
अध्यक्षता कर रहे प्रो. राम वचन राय ने अपने संबोधन में कहा कि यह कृति नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन, सुशासन और बिहार के विकास में उनके योगदान को गहराई से उजागर करती है। यह पुस्तक आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देने का कार्य करेगी।
ये थे उपस्थित
समारोह में किरण पब्लिकेशन समूह की निदेशक रेणु प्रसाद, कवि समीर परिमल, प्रो. अरुण सिंह, प्रो. सुहेली मेहता सहित अनेक बुद्धिजीवी, साहित्यकार और पत्रकार मौजूद थे। मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. जितेंद्र कुमार ने किया।

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