शक्तिपीठ मां मंगलागौरी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए क्या है इतिहास
गया। शारदीय नवरात्र शुरू होते ही गया का मां मंगलागौरी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह 4 बजे से हीं उमड़ पड़ी है। हजारों भक्तो की लंबी कतार लगी है। भस्मकुट पर्वत पर स्थित मां मंगलागौरी की पूजा अर्चना और दर्शन करने को लेकर महिला–पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। सभी कतारबद्ध खड़े होकर मां मंगलागौरी का दर्शन पूजन के लिए इंतजार करते दिख रहे है।
मां मंगलागौरी मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है। ऐसी मान्यता है कि माता सती का 105 अंग देश के विभिन्न पर्वतों पर गिरा था।उसी 108 अंगो में से माता सती का वक्ष इसी भस्मकुट पर्वत पर गिरा था। जो पालनपीठ के रूप में विराजमान हैं। इस शक्तिपीठ को असम के कामख्या शक्तिपीठ के समान माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में हजारों साल से अखंड ज्योत जल रही है। यहां आने वाले सभी भक्तो की मनोकामना पूरी होती है।दे श के अलग–अलग राज्यों से सालोभार भक्त यहां आकर पूजा अर्चना करते है, लेकिन शारदीय नवरात्र में भक्तो की संख्या काफी बढ़ जाती है।
मंदिर के पुजारी चंद्रधर गिरी उर्फ बबलू गिरी के बताया की नवरात्र के दौरान भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है। ऐसी में भक्तो की सुविधा और सुरक्षा को लेकर कई सुविधाएं बढ़ाई गई है। मां मंगलागौरी मंदिर समिति के अध्यक्ष शंकर प्रसाद ने बताया कि सुरक्षा को लेकर पुलिस बलों की तैनाती की गई है। वहीं भक्तो की सुविधा को लेकर कतार में बैठने की भी व्यवस्था की गई है।इस दौरान मां मंगलागौरी मंदिर को भव्य और आकर्षक रूप से सजाया गया है।