बिहार

बढ़ते बिहार की ओर गया का एक और योगदान

गया (रंजन सिन्हा)। शहर के शाहमीर तकया स्थित हवेली रेस्टोरेंट में शिक्षक दिवस के पावन मौके पर राजनीति की पाठशाला के बैनर तले पुस्तक विमोचन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। गया शहर के रहने वाले डॉक्टर अभिषेक वर्मा (असिस्टेंट प्रोफेसर) संस्कृती विश्वविद्यालय, मथुरा में कार्यरत है। डा० वर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली पुस्तक राजनीति शास्त्र में इंडियन पॉलीटिकल स्ट्रक्चर एंड पॉलिसीज का विमोचन गया शहर में करना उनका सपना था । साथ ही साथ इस अवसर पर कई सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल, शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर, प्रोफेसर, मीडिया कर्मी और समाजसेवी को अंग वस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम में आए अतिथि अपूर्वा सिंह,IAS, ई० अवधेश कुमार, संस्थापक, बी आई टी कॉलेज, श्री संतोष पाठक, बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा, स्वामी श्री सहजानंद जी, श्री शैलेश कुमार श्रीवास्तव प्रिंसिपल एएम कॉलेज, रोनित कुमार निदेशक जीबीआरसी स्कूल और अभिषेक वर्मा ने मिलकर मंच पर पुस्तक का विमोचन कर सभा में आए सभी सदस्यों एवं अतिथियों का स्वागत किया। सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत डॉ अभिषेक वर्मा ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। मंच का संचालन सरदार रौनक सिंह सेठ ने करते हुए शिक्षक दिवस के इस शुभ अवसर पर डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की इतिहास के बारे में लोगों को बताया और उन्हें नमन करते हुए सभा में आए सभी अतिथिगण का स्वागत और संबोधन किया। सरदार रौनक सिंह सेठ ने कहा कि हमारे जीवन के प्रथम गुरु हमारी माँ होती है दूसरे गुरु हमारे पिता होते हैं तीसरा गुरु शिक्षक होते हैं परंतु पूरे समाज को एक साथ शिक्षित करने वाला एक और समाज है जो हमारे देश का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है, वह है हमारे पत्रकार बंधु। क्योंकि प्रतिदिन समाचार पत्र के माध्यम से हर पत्रकार बंधु हमारे समाज के बच्चों से लेकर वृद्ध तक को शिक्षित करने का कार्य करते हैं। इसलिए शिक्षक दिवस के इस पावन मौके पर सभी पत्रकार भाइयों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया और उन्हें सम्मान दिया गया। इस कार्यक्रम में मौजूद मनीष कश्यप, संजय रविदास, रंजीत शर्मा, सुधांशु नीलम गौरव, निरंजन कुमार वर्मा, चितरंजन कुमार वर्मा, सुधीर शर्मा, प्रदीप जैन, शैलेश श्रीवास्तव, शुभम श्रीवास्तव, अनंत कुमार, सोनी कुमार वर्मा, मोहम्मद फैजान, मोहम्मद मुनव्वर एवं अन्य कई लोग शामिल हुए।

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